
जय श्री राम के जयघोष लगाते कार्यकर्ता
बाबा अमरनाथ यात्रा के लिए देश के नोजवानों ने अपने बलिदान की आहुति देकर पुनप्रतिष्ठित किया । इतिहास साक्षी है की उस प्रयत्न के कारण से कठिन परिस्थितिया और आतंकी हमलों के बावजूद भी लाखो लोग बाबा अमरनाथ के दर्शन करने जा रहे है। ठीक उसी तरह 2005 में बजरंगदल ने बाबा बूढा अमरनाथ यात्रा का संकल्प लिया वर्ष 2006 में अमरनाथ भूमि आंदोलन में राष्ट्रद्रोहियों और उनके संरक्षक और राजनेताओ को झुकने के लिए विवश कर दिया। ऐसी परिस्थिति में बाबा बूढा अमरनाथ यात्रा को और अधिक सफल बनाकर हम राष्ट्र विरोधीयो के मंसूबो को विफल कर सकते है। जो नही चाहते है कि जम्मू कश्मीर भारत का अंग बना…
हम सबको मिलकर इस चुनोतियाँ को स्वीकार करना है। इस पवित्र अभियान में सहयोग कर बाबा बर्फानी व बाबा बूढा अमरनाथ के दर्शन कर पुण्य कमाना है। इस यात्रा में जाने वाले सभी यात्रियों को भगवा दुपट्टे से सभी का सम्मान किया व फल वितरण कर सभी को सम्मानपूर्वक जैकारों के साथ जम्मूतवी ट्रैन से रवाना किया गया।
इस मौके पर सन्तोष शर्मा, मोहन कुमावत, प्रवीण भाई परिहारिया, हरीश परमार, सवाराम गवारिया, रमेश बिरावत, दलपत मेवाड़ा, लालाराम गरासिया, मातृशक्ति कमलेश मेडम, मिना सोनी, दुर्गावाहिनी से प्रांजल सैन, भूमिका राव, हेतल सैन, खुशी सहित अन्य बहिने व बजरंगी कार्यकर्ता उपस्थित थे.