Wednesday, July 24, 2024
Homeपर्यटक स्थलबाली. किले में स्थित प्राचीन मंदिर सती माताजी बोल माजीसा

बाली. किले में स्थित प्राचीन मंदिर सती माताजी बोल माजीसा

बाली के ऐतिहासिक किले में स्थित बोल माजिसा मंदिर: एक प्राचीन और मनोहर स्थल

बोल माजीसा बाली के ऐतिहासिक किले के के अंदर  माजिसा का मंदिर काफी मनोरम है. माताजी के वंशजों में से एक, चुन्नीलाल राजपुरोहित ने इस कहानी को सुनाया कि कैसे उनके पति, देवपाल रायगुर ने राजाओं और सम्राटों के शासनकाल के दौरान युद्ध के मैदान में शहीद हो गए ये समाचार जब माताजी को मिले तब वो . वचनादेह माताजी उनकी चिता के साथ माता वचनादेह बोलते हुए सती हो गए । जिसके कारण उन्हें बाेल माजीसा के नाम से पुकारा गया। ।

इसके बाद तत्कालीन राजा के साथ परिवारजनों ने मंदिर का निर्माण करवाया, जिसमें माताजी गुफानुमा चट्टान में विराजमान है। उसके ऊपर मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर के पास पत्‍थर की प्राचीन मूर्ति है जिसमें एक ओर तोता और दूसरी ओर नागदेव बने हुए हैं। वर्तमान समय में राजपुरोहितान परिवार सहित मंदिर के पुजारी पंडित अवधेश महाराज द्वारा सुबह-शाम पूजा अर्चना की जाती है। चेत्रशुक्ला बीज में माताजी के परिवार वाले मंदिर पर नया पोषाक व ध्वजा चढ़ाने के साथ विशेष पूजा अर्चना भी हर साल करते हैं।

1. बोल माजीसा का इतिहास और महत्व:

माजिसा मंदिर, जिसे बोल माजीसा मंदिर भी कहा जाता है, अपने गहरे इतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह पूजा स्थल मां बालि को समर्पित है, जो भाषा और सुनने वाले को अपने साथ बोलने की शक्ति देने वाली देवी मानी जाती है। स्थानीय किस्से और चुन्नीलाल राजपुरोहित जैसे वंशजों के अनुसार, मंदिर का इतिहास 850 साल पुराना है।

कहानी देवपाल रायगुर की है, जिन्होंने राजाओं और सम्राटों के शासनकाल में युद्ध मैदान में अपनी शहादत दी। उनकी पत्नी, माता वचनादेह, ने उनके साथ चिता के ऊपर आत्मसमर्पण का कार्य किया, जिसे सती कहा जाता है। यह गहरी भक्ति और निष्ठा का प्रतीक होता है, और उन्हें बोल माजीसा के रूप में पुकारा जाता है।

2. बोल माजीसा मंदिर का अन्वेषण:

माजिसा मंदिर के पास पहुंचते ही, आपको इसके वास्तविक और भक्तिपूर्ण माहौल में खो जाने की अनूठी अनुभूति होगी। मंदिर की भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक वातावरण आपको भावविभोर कर देगें। गुप्त और शांतिपूर्ण बनीयों में स्थित मां बालि की प्रतिमा को विभिन्न रंगीन वस्त्र और आभूषणों से सजाया जाता है। श्रद्धालुगण मंदिर को प्रणाम करते हैं और आशीर्वाद और मार्गदर्शन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

3. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):

प्रश्न 1:बोल माजीसा मंदिर तक कैसे पहुंच सकते हैं? माजिसा मंदिर तक पहुंचने के लिए, आपको सबसे पहले निकटतम हवाई अड्डे, जैसे कि उदयपुर एयरपोर्ट तक फ्लाइट लेनी होगी। वहां से, आप कैब किराए पर ले सकते हैं या स्थानीय बस सेवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं ताकि आप बाली के किले तक पहुंच सकें। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको किले के बेस से एक छोटे से ट्रेक के माध्यम से पहुंचना होगा, जिससे कि आपको इतिहासिक स्थल के माध्यम से एक यात्रा का आनंद मिलेगा।

प्रश्न 2: बोल माजीसा मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क है क्या? नहीं, माजिसा मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। यह सभी भगवान भक्तों के लिए खुला है और आप इसकी सुंदरता को बिना किसी चार्ज के देख सकते हैं।

प्रश्न 3: बोल माजीसा मंदिर यात्रा के लिए सबसे उचित समय क्या है? माजिसा मंदिर यात्रा के लिए सबसे उचित समय अक्टूबर से मार्च तक के सर्दी ऋतु में होता है, जब मौसम शांतिपूर्ण और दर्शनीय होता है। गर्मियों में तापमान बहुत उच्च हो सकता है, इसलिए उस समय की यात्रा से बचना अच्छा रहता है।

प्रश्न 4: बोल माजीसा मंदिर के पास कौन-कौन से आकर्षण हैं जो देखने लायक हैं? हां, माजिसा मंदिर के पास ही बाली का ऐतिहासिक किला स्थित है, जो क्षेत्र के अतिरिक्त समय की कहानियों का दर्शनीय स्थान है। इसके अलावा, आप बाली के पितृ संतान परिवार मंदिर का भी दौरा कर सकते हैं, जो कि प्राचीन पत्थर की मूर्ति से सजा हुआ है।

प्रश्न 5: बोल माजीसा मंदिर के भीतर फोटोग्राफी की अनुमति है क्या? हां, आम तौर पर मंदिर के भीतर फोटोग्राफी की अनुमति होती है। हालांकि, धार्मिक अनुष्ठानों और दैनिक आराधना के दौरान देवी की फोटोग्राफी खींचने से पहले अनुमति लेना सभ्यता से उचित होता है।

बाली के ऐतिहासिक किले में स्थित माजिसा मंदिर एक आकर्षक स्थल है जो भक्तों और ऐतिहासिक प्रेमियों दोनों को मोह लेता है। इसका रहस्यमयी इतिहास, भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक माहौल आपको निश्चित रूप से विचलित करेंगे। माजिसा के समीप होने से आपको प्राचीन काल के दौरान एक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसलिए, अगर आप राजस्थान की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस अद्भुत मंदिर को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करना न भूलें।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

error: Content is protected !!