गजट नोटिफिकेशन : 2023 के चुनाव में विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं पर नए जिलों व संभाग के गठन का असर नहीं होगा, परिसीमन के बाद होगा बदलाव
पाली 7 अगस्त सोमवार से प्रदेश में नवगठित सभी 19 जिले अस्तित्व में आ जाएंगे। नवगठित तीनों किमी संभाग, पाली, सीकर व बांसवाड़ा में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन ये अस्तित्व में आ जाएंगे।
पाली जिले का हिस्सा रहे रायपुर- जैतारण नए बने पड़ोसी व्यावर जिले के हिस्से हैं। इससे पाली छोटा जरूर हुआ है लेकिन संभाग बनने से इसका कद बढ़ चुका है। जिले के पुनर्गठन से 78 ग्राम पंचायतें ब्यावर में शामिल हो गईं। इसके चलते 1 विधायक, 2 प्रधान व 78 सरपंच ब्यावर जिले में हो जाएंगे। पाली की राजनीतिक स्थितियां बदल जाएंगी। पाली में 5 विधायक, 8 उपखंड, 8 प्रधान व 261 ग्राम पंचायतें ही रहेंगी। ऐसे में जैतारण एवं रायपुर के लोगों को अपना काम करवाने अब ब्यावर जिला मुख्यालय जाना पड़ेगा।
संभाग मुख्यालय से सबसे ज्यादा दूर सांचौर 250
सिरोही-डाक बंगले में कार्यालय, स्थायी कार्यालय मेडिकल कॉलेज के पास संभागीय आयुक्त का कार्यालय अभी बंगले में रहेगा। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के पास 250 से 300 बीघा सरकारी जमीन पर संभाग स्तरीय कार्यालय बनाने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद जमीन आवंटन प्रक्रिया होगी। कलेक्टर नमित मेहता का कहना है संभाग स्तरीय कार्यालयों लिए जमीन आवंटन जल्द हो जाएगा। प्रयास है एक स्थान पर सभी कार्यालय के लिए जमीन आवंटन हो जाए।
प्रशासन
• 2 एसडीएम, 2 तहसीलदार, 2 बीडीओ, 78 ग्राम विकास अधिकारी सहित पटवारी कम हो गए।
. रायपुर के 261 व जैतारण के 213 स्कूल सोमवार से ब्यावर जिले में शामिल किया गया है।
राजनीति • 5 विधायक : पाली, बाली, मारवाड़ जंक्शन, सुमेरपुर व सोजत विधानसभा ही रही।
• 8 प्रधान व 8 ही उपखंड : पाली, बाली, सुमेरपुर, मारवाड़ जंक्शन, रानी, सोजत, देसूरी रहे। • 78 पंचायतें जिले में 339 ग्राम पंचायतें थीं। जैतारण व रायपुर के 78 ग्राम पंचायतें कम हो गई।
• 261 ग्राम पंचायतें ऐसे में पाली जिले में 261 ग्राम पंचायतें ही रहेंगी।
• 78 सरपंच ब्यावर में गए।