इस बार भी चलेगी नहर जवाई बांध का गेज 57.10 फीट, आधा मानसून अभी बाकी पाली और जालोर के 38 हजार हेक्टेयर में पहुंचेगा पानी

खुशियों की लहर • कमांड एरिया में बारिश नहीं होने के बावजूद सेई बढ़ा रहा जवाई का गेज, 57 गांवों के 50 हजार किसानों को लाभ

पाली जवाई बांध में अब किसानों की खुशियों का पानी आ रहा है। बांध का गेज 57.10 फीट पहुंच गया है। अभी आधा मानसून बाकी है। डेढ़ साल पेयजल की चिंता पूरी तरह खत्म होने के ही सेई से निरंतर आवक होने से किसानों के हिस्से की भरपाई भी हो रही है। लगातार दूसरे साल जवाई बांध व जालोर से से पाली सिंचित हो पाएगी। जुड़े 57 गांवों की 38671 हेक्टेयर जमीन

हालांकि, जवाई बांध के पानी के आरक्षण को लेकर बैठक होने में अभी करीब दो माह का समय है, फिर भी जवाई बांध में हुई अच्छी आवक से किसानों के हक का पर्याप्त पानी आ रहा है। बीते वर्ष पेयजल के लिए सिर्फ जवाई बांध में ही पानी आ पाया था, लेकिन इस बार गणित कुछ अलग है। इधर, हेमावास बांध भी ओवरफ्लो चुका है, जबकि बीते वर्ष इसमें कम ही आवक हुई थी। जवाई कमांड एरिया के किसानों को लगातार दूसरी साल भी खेती के लिए पानी मिलने से उनके चेहरों पर खुशी भी है। अगर अच्छी बारिश होती है तो बांध के गेट खुल सकते हैं। अभी बांध में 57.10 फीट के गेज में 6257.20 एमसीएफटी पानी का भराव हो पाया है, जबकि कुल भराव 732750 एमसीएफटी है। यानी अभी भी 1070.20 एमसीएफटी पानी कम है।

बंटवारे में सहायक बांधों में जमा पानी का ऐसा है गणित

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जवाई बांध के पानी के आरक्षण से पूर्व जवाई बांध में जमा पानी के अलावा प्रमुख सहायक सेई, सिंदरू, कालीबोर व अन्य बांधों में जमा पानी भी शामिल किया जाता है। इसमें सभी बांधों में डेड स्टोरेज निकालने के बाद लाइव वाटर पर आरक्षण तय किया जाता है। इसके अलावा बांध के आंकड़े और पेयजल से जुड़े बांधों की स्थिति भी आंकी जाती है। पूरी गणित निकालने के बाद ही पानी की बंटवारा तय किया जाता है।

जवाई के पानी से ऐसे सिंचाई से जुड़े हुए हैं गांव गांव में सिंचाई के लिए जाता है पानी 57

38671

33

25825.40

24 गांव जालोर जिले के हेक्टेयर जमीन होती है सिंचित

गांव पाली जिले के हेक्टेयर जमीन बांध के पानी से होती है सिंचित

• 12845.60 हेक्टेयर जमीन

• 38600 किसान परिवार इसी पर निर्भर

जवाई से वंचित गांवों को भी धीरे-धीरे जोड़ रहे हैं

# जवाई बांध में पानी की आवक अच्छी होने से एक साल तक के लिए पेयजल की चिंता नहीं है। जवाई से जुड़े शहरों व गांवों के लिए पर्याप्त पानी है। हेमावास बांध में भी आवक हुई है। मानसून में अभी बारिश की उम्मीद है। जिले के अन्य बांधों में भी आवक होगी। जवाई में पानी अच्छा जमा होने से जवाई से वंचित गांवों को भी धीरे-धीरे जोड़ा जा रहा है। -मनीष माथुर, एसई, जलदाय विभाग, पाली

बांध में इस साल पानी की अच्छी आवक हो रही

जवाई बांध में लगतार दूसरे साल भी पानी की आवक अच्छी आवक हुई है। अभी मानसून के दिन बाकी है। जवाई का गेज 57 फीट से अधिक हो गया है। किसानों को भी इस बार भी सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। कितना पानी मिलेगा। यह मानसून पूरा होने के बाद होने वाली बैठक में तय होगा। फिलहाल सेई से पानी की आवक जारी है। -गंगाराम, एक्सईएन जलसंसाधन विभाग, सुमेरपुर

वर्ष

बांध में पानी की आवक

सिंचाई के लिए

पेयजल के लिए

2017

61.25 (7327.50)

4900

2885.14

2018

34.20 (2408.00)

नहीं दिया

पूरा आरक्षित

2019

55.25 (5807.00)

3350

1938.45

2020

55.45 (5855)

4000

2192.51

2021

17.80 (1106.00)

नहीं दिया

2022

60.25 (7026)

4010

3000

(पानी का आरक्षण जलसंसाधन विभाग के अनुसार एमसीएफटी व फीट में)

पूरा आरक्षित

पाली आज से संभाग रायपुर – जैतारण अब पड़ोसी : वहां 1 विधायक, 2 प्रधान, 78 सरपंच गए अब पाली में 8 उपखंड, 5 विधायक, 8 प्रधान और 261 ग्राम पंचायतें ही

गजट नोटिफिकेशन : 2023 के चुनाव में विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं पर नए जिलों व संभाग के गठन का असर नहीं होगा, परिसीमन के बाद होगा बदलाव

पाली 7 अगस्त सोमवार से प्रदेश में नवगठित सभी 19 जिले अस्तित्व में आ जाएंगे। नवगठित तीनों किमी संभाग, पाली, सीकर व बांसवाड़ा में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं होगा लेकिन ये अस्तित्व में आ जाएंगे।

पाली जिले का हिस्सा रहे रायपुर- जैतारण नए बने पड़ोसी व्यावर जिले के हिस्से हैं। इससे पाली छोटा जरूर हुआ है लेकिन संभाग बनने से इसका कद बढ़ चुका है। जिले के पुनर्गठन से 78 ग्राम पंचायतें ब्यावर में शामिल हो गईं। इसके चलते 1 विधायक, 2 प्रधान व 78 सरपंच ब्यावर जिले में हो जाएंगे। पाली की राजनीतिक स्थितियां बदल जाएंगी। पाली में 5 विधायक, 8 उपखंड, 8 प्रधान व 261 ग्राम पंचायतें ही रहेंगी। ऐसे में जैतारण एवं रायपुर के लोगों को अपना काम करवाने अब ब्यावर जिला मुख्यालय जाना पड़ेगा।

संभाग मुख्यालय से सबसे ज्यादा दूर सांचौर 250

सिरोही-डाक बंगले में कार्यालय, स्थायी कार्यालय मेडिकल कॉलेज के पास संभागीय आयुक्त का कार्यालय अभी बंगले में रहेगा। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के पास 250 से 300 बीघा सरकारी जमीन पर संभाग स्तरीय कार्यालय बनाने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद जमीन आवंटन प्रक्रिया होगी। कलेक्टर नमित मेहता का कहना है संभाग स्तरीय कार्यालयों लिए जमीन आवंटन जल्द हो जाएगा। प्रयास है एक स्थान पर सभी कार्यालय के लिए जमीन आवंटन हो जाए।

प्रशासन

• 2 एसडीएम, 2 तहसीलदार, 2 बीडीओ, 78 ग्राम विकास अधिकारी सहित पटवारी कम हो गए।

. रायपुर के 261 व जैतारण के 213 स्कूल सोमवार से ब्यावर जिले में शामिल किया गया है।

राजनीति • 5 विधायक : पाली, बाली, मारवाड़ जंक्शन, सुमेरपुर व सोजत विधानसभा ही रही।

• 8 प्रधान व 8 ही उपखंड : पाली, बाली, सुमेरपुर, मारवाड़ जंक्शन, रानी, सोजत, देसूरी रहे। • 78 पंचायतें जिले में 339 ग्राम पंचायतें थीं। जैतारण व रायपुर के 78 ग्राम पंचायतें कम हो गई।

• 261 ग्राम पंचायतें ऐसे में पाली जिले में 261 ग्राम पंचायतें ही रहेंगी।

• 78 सरपंच ब्यावर में गए।

बाली विधायक के गांव मे सड़को की खस्ताहाल से ग्रामीण परेशान

बाली विधायक के गांव की सड़क का हाल ऐसा उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है, आने जाने में हो रही है परेशानी, प्रशासन पर लगाया आरोप कहा- अब जनता भगवान भरोसे

फालना। बाली उपखंड के बीजापुर गांव से राता महावीर जी तक सड़क क्षतिग्रस्त हो चुकी है, वर्तमान में यह सड़क बड़े-बड़े गढ्ढों में तब्दील हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है यहां कोई सुनवाई नही है आम जन परेशान रहे तो रहे पर जिम्मेदार लोगो को कोई फर्क नही पड़ता ऐसे में वर्तमान में श्रावण का महीना चल रहा है हजारो श्रद्धालु राता महावीर जी, नगरेश्वर महादेव, हर हर गंगा दर्शन को आते है छोटे वाहनों का तो निकलना ही मुश्किल है बीजापुर के इस सड़क को लेकर ग्रामीण भी परेशान है । सामाजिक कार्यकर्ता भवानी सिंह राजगुरु बीजापुर ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मीडिया को बताया कि पंचायत के बाहर भी पानी का भराव रहता है जब पंचायत प्रशासन की आँखें नही खुलती तो आम नागरिकों की समस्या तो दूर की बात है । वही सरकार बजट तो देती है पंरतु जिम्मेदार लोगो को विकास से कोई मतलब नही है ऐसे में आम नागरिक परेशान रहता है हमारी मांग है स्थानीय सम्बंधित विभाग से की जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण हो जिससे लोग कीचड मे गिरने से बचे ओर जिससे जनता को जल्द हि राहत मिले

बाली में अखंड रामायण पाठ सम्पन्न होने के उपलक्ष में निकाली शोभा यात्रा ,भारी संख्या में भक्तों ने पुष्प वर्षा कर लगाए जयकारे

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फालना | बाली नगर में विशाल शोभायात्रा के साथ अखंड रामायण पाठ का आयोजन सम्पन्न हुआ। शोभायात्रा नगर के श्री हनुमानजी मंदिर से शुभारंभ करते हुए नगर के गणेश बाजार, नयापुरा होते हुए दादावाड़ी तक गाजे बाजे के साथ निकाली गई। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया व जयकारे लगाए। पीछे कई महिलाएं मंगलगीत गाती हुई चल रही थी। पंडित उमेश एस व्यास ने बताया की कार्यक्रम स्थल पर पहले रामायण की पूजा अर्चना की गई। यज्ञ हवन पंडित रविकांत अलवर ने मंत्रोचार के साथ यजमानों के द्वारा संपन्न करवाया।

उसके बाद परायण प्रारम्भ हुआ जो 26 घंटे अखंड चला । जिसमें जम्मू, अलवर, सोजत रोड से विभिन्न मंडलियों ने भाग लिया और एक से एक बढ़कर चौपाईयों का वाचन किया। पीयूष त्रिवेदी सोजत व रविकांत शर्मा के द्वारा भजनो की बहार से मंत्र मुग्ध किया। इस दौरान श्रोतागण जमे रहे। उसके बाद महाआरती का आयोजन किया, जिसमें पुरुषों व महिलाओं, बच्चों ने भाग लिया। वही प्रसादी का भी आयोजन हुआ जिसका भक्तों ने लाभ लिया। कार्यक्रम में आयोजक पंडित उमेश व्यास, कैलाश सोनी कार्यकर्ता, दीपक रावल, राकेश ओझा, प्रकाश व्यास,राकेश सिंह फौजदार एवं नगर के सभी सनातन प्रेमियों, महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने भाग लिया। महाप्रसादी का आयोजन हुआ जिसका भक्तों ने लाभ लिया। क्षेत्र में खुशहाली की कामना की।रामायण

दिगम्बर मुनि की निर्मम हत्या के विरोध मे जैन समाज एवम 36 कौम ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

फालना । श्री बाली जैन संघ और श्री फालना जैन संघ एवम 36 काँम के संयुक्त तत्वाधान की तरफ से जैन मुनिराज पुष्पेंद्र विजय एवं मुनिराज श्रुतानंद विजय मा.सा. की निश्रा में दिगम्बर मुनि की निर्मम हत्या के विरोध में ज्ञापन दिया गया। श्री बाली जैन मित्र मंडल मुंबई के अध्यक्ष नरेंद्र परमार ने बताया की देश व्यापी धरना प्रदर्शन को देखते हुए बाली फालना का सयुक्त ज्ञापन बाली में नायब तहसीलदार बाली के मार्फत राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा गया।

वही अध्यक्ष परमार ने बताया की दिगम्बर जैन मुनि श्री काम कुमार नंदी जी की नंदीग्राम, कर्नाटक में असमाजिक तत्वों द्वारा निर्मम हत्या जिसमे मुनि के टुकड़े टुकड़े कर निर्मम हत्या करना एक भयावहक तरीका जिससे संपूर्ण हिंदुस्तान आहत हुआ है। अहिंसा पद्धति से समाज ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया। ज्ञापन से रहीं ।

राष्ट्रपति ने नाम सौपा ज्ञापन, रखा 2 मिनट का मौन

पूर्व दो मिनिट का मौन रखकर मुनि जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ज्ञापन में पूर्व विधायक अमृत परमार, बस्तीमल मेहता, अरुण चौधरी, महेंद्र धोका, वि हि प अध्यक्ष मूलाराम गहलोत, खुडाला फालना न. पा. अध्यक्षा ललिता रमेश शाह, पूर्व न.पा अध्यक्ष चुन्नीलाल चौधरी, महिपाल राठौड़, श्रीपाल बाफना, अंकित राठौड़, अशोक पुनमिया, भूपेश मेहता, शांतिलाल जैन, इंदर मल जैन, रमेश भंडारी, पारस राठौड़ बाबूलाल राणावत, चेतन मुनोयत, मदन कितावत, राकेश मुनोयत, लखमाराम परमार, नरपत जैन, संभव जैन, सुरेश कंसारा, रामलाल टेलर, प्रवीण टेलर, अमित देवगन, अमित राजपुरोहित, नीरज गर्ग, मदन प्रजापत, नरेश वर्मा, गुलशन मारू, नीरज जैन, काफी संख्या में जैन समाज एवम 36 कौम के सदस्य एवम माताएं बहनें उपस्थित

वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति फालना खुडाला की श्रावण अधिक मास में सामूहिक तीर्थ यात्रा को लेकर हुई बैठक

फालना । वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति फालना खुडाला की बैठक गोपालसिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा श्रावण अधिक मास में सामूहिक तीर्थ यात्रा के बारे में विचार विमर्श कर सर्वसम्मति से दिनांक 6 अगस्त 2023 रविवार को मार्तकुंडेश्वर सरस्वती माता मंदिर अजारी जाने का तय हुआ। इसके अलावा मार्ग में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी दर्शन करने का प्रावधान रखा गया। इस अवसर पर नरसिंगभाई पंवार, कैलाश बी जोशी, सुरेशचंद्र अग्रवाल, जसवंतसिंह देवड़ा, मानसिंह देवड़ा, हरिपाल शर्मा, डॉ कन्हैयालाल शर्मा, हाजी सत्तारभाई पठान, कैप्टन नारायणसिंह चौहान, देवीसिंह, रामप्रसाद गुर्जर, चंपालाल भाटी, हस्तीमल कंसारा, नैनसिंह पंवार, गणपतलाल राव, रतनसिंह ताराचंद मालवीय एवं गणमान्य वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।

कांग्रेस नेता फालना ठा.अभिमन्युसिंह ने प्रदेश कॉग्रेस अध्यक्ष डोटासरा से की मुलाक़ात ,बाली विधानसभा की राजनीति से कराया अवगत

फालना । बाली कॉग्रेस नेता फालना ठाकुर अभिमन्युसिंह ने प्रदेश कॉग्रेस अध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा से जयपुर में मुलाक़ात कर बाली विधानसभा क्षेत्र की राजनीती हालातो को बताया ओर प्रदेश कॉग्रेस अध्यक्ष गोविन्दसिंह डोटासरा को बाली विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आमन्त्रित किया वही । बाली कॉग्रेस नेता फालना ठाकुर अभिमन्युसिंह ने बताया की जल्द हि वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखविंदरसिंह रंधावा और सह प्रभारियो से मिलेंगे ।

फालना से स्काउट गाइड दल को किया रवाना

फालना । महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय खुडाला फालना के स्काउट एवं गाइड के दल को प्रधानाचार्य पुखराज सोलंकी ,गाइड अध्यक्ष अमित मेहता ,कीकाराम चौधरी, समाजसेवी एवं भामाशाह श्रवण सिंह राजपुरोहित एवं अभिभावक श्रीमती अरुणा सुथार, स्काउट मास्टर कलाराम सोलंकी की उपस्थिति में राज्य पुरस्कार प्रशिक्षण कांबेश्वर महादेव रघुनाथपुरा के लिए रवाना किया ।

स्काउट मास्टर कलाराम सोलंकी ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण में स्थानीय विद्यालय के 16 स्काउट 11 गाइड राज्य पुरस्कार प्रशिक्षण में भाग लेकर योग्यता हासिल करेंगे । इस अवसर पर कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन भंवर परिहार ने किया जिसमे उक्त प्रशिक्षण 24-7-2023 से 28-7-2023 तक संचालित होगा।

माँ आई माता के प्रसिद्ध मंदिर में ज्योत से टपकता है अनमोल केसर।

राजस्थान के जोधपुर जिले का बिलाड़ा गांव श्री आई माता जी की पवित्र नगरी है। बिलाड़ा जोधपुर से 80 किलोमीटर दूर जयपुर रोड पर स्थित है। बिलाड़ा श्री आई माता जी की पवित्र नगरी के रूप में संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। मां आई माताजी का विश्व विख्यात मंदिर। तीर्थ धाम माना जाता है। माता के इस मंदिर में दीपक में से काजल की जगह केसर निकलता है,जी हां, दीपक से निकलने वाले इस केसर को भक्त अपनी आंखों में लगाते हैं। यह मंदिर काफी प्राचीन है भक्तों के अनुसार यहां माता आई थी इसलिए इस मंदिर को आईजी माता के नाम से जाना जाता है।

मां दुर्गा का अवतार श्री आईमाता गुजरात के अम्बापुर में अवरीत हुई थी। अम्बापुर में कई चमत्कारों के पश्चात श्री आईमाता जी भ्रमण करते हुए बिलाड़ा आईं। मंदिर को केशर ज्योति मंदिर वह स्थान है जिसके नाम से देश और विदेश में मशहूरी है। इस पवित्र स्थान पर भक्तों को 11 गुणों व नेतृत्व में सदैव सन्मार्ग पर चलने के सदुपदेश दिए जाते हैं। इन 11 गुणों के बारे में तथा ये 11 गुण आज भी लोग जानते है तथा उनके दिए आशीर्वाद को समझ कर उसका पालन भी करते हैं। इन उपदेशों के बाद एक दिन उन्होंने हज़ारों भक्तों के समक्ष स्वयं को अखंड ज्योति में विलीन कर दिया। इसी अखंड ज्योति से केसर प्रकट होता है, जो आज भी मंदिर में माताजी की उपस्थिति का साक्षात् प्रमाण है।

भारतीय पौराणिक कथा

मान्यता है की राजा माधव, दीवान वंशज, अचानक गायब हो गए थे और माता ने उन्हें ढूंढने का अपना सफर प्रारंभ किया। आखिर में, उन्हें इसी गांव में मिला। इस घटना के बाद से ही माँ इस मंदिर में विराजित हैं, और इसी मंदिर के अंदर करीब 550 वर्षों से जल रहे हैं, एक अखंड दीपक। इस अखंड दीपक को जलाने से लोगों का मानना है कि वे अपनी सभी बाधाएं दूर कर सकते हैं और जीवन के सभी अच्छे और बुरे समयों में उन्हें उनका साथ देता है।से निकले वाली लौ से निकलने वाला पदार्थ केसर है। भक्त यहां नीमच और मंदसौर से बस के द्वारा मनासा पहुंच सकते है। आई जी माता के दर्शन करने आसपास के शहरों और राज्यों से भक्तगण आते है। यहां हजारों लोग पूजा करने और मन्नत मांगने आते है। लोगों की मन्नत पूरी होने पर वे आई जी माता को चढ़ावा मंदिर के पुजारियों के अनुसार, 550 साल पहले आई जी माता ने स्वयं इस ज्योति को जलाया था। तब से यह अखंड दीपक देशी घी की ज्योति से जलता हुआ है। इस दीपक के जलने से हर व्रती के मन में उत्साह जागता है और उन्हें आई माता की कृपा के लिए आकर्षित करता है। ज्योत जलती आ रही है।

गद्दी पर विराजित है माता

मान्यताओं के अनुसार इस अखण्ड ज्योति के दर्शन से ही सभी बाधा दूर हो जाती हैं। यहां के माता ज्योति मंदिर की गद्दी पर विराजित माँ की मूर्ति को सदियों से श्रद्धालु भक्त आदर करते चले आ रहे हैं। इस पवित्र स्थल में माँ की तस्वीर का विशेष महत्व है, जो गद्दी पर आराध्य हैं। आई जी माता के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, जिन्हें यहां की शांति और आनंद का अनुभव होता है। लोगों का ऐसा मानना है कि ज्योत से टपकने वाली केसर लगाने से आंखों के रोग के साथ अन्य रोग भी ख़त्म हो जाते है। खास कर यहां नवरात्री में भक्तों का तांता लगा रहता है।
मंदिर के संगमरमर से बने श्रेष्ठ भव्यता को देखते ही बनती हैं। यहां पहुंचकर मन को बहुत ही सुकून मिलता है और अद्भुत सवर्ग का अनुभव होता है। विशेष रूप से, सुबह चार बजे होने वाली मंगला आरती और सायं सात बजे की सांझ आरती के समय, मंदिर का वातावरण अत्यंत शांतिपूर्ण और प्राकृतिक रूप से बेहद मोहक होता है।

आई माता जी मंदिर कैसे पहुंचे 

इस माता जी के पवित्र मंदिर के दर्शन के लिए जोधपुर से बस, जीप और टैक्सी की सुविधा आसानी से उपलब्ध हैं। यहां के रेल मार्ग से भी बिलाड़ा तक पहुंचा जा सकता है। मंदिर वर्ष में दो बार नवरात्रों पर खुलता है और चैत्र मास में एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए यहां आते हैं। इस पवित्र स्थल के भव्य मंदिर का दर्शन करने पर मन में शांति और सद्गति का अनुभव होता है। मंदिर के अंदर सुबह चार बजे मंगला आरती और सायं सात बजे सांझ आरती के समय मंदिर का माहौल देखने लायक होता है। इस पवित्र स्थल पर लाए गए आरती और भजनों के सुर सुनकर भक्त आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को सफल बनाने की कामना करते हैं।

साल में एक बार बदलते है बाती माँ आईमाता के मंदिर में”

माँ आईमाता के प्रसिद्ध मंदिर में प्रज्वलित दीपक की बाती साल में एक बार बदली जाती है। यह बाती बदलने का श्रेय आई पंथ के धर्मगुरु को प्राप्त है, क्योंकि उन्हीं के हाथों से ही इसे बदला जाता है। इस धार्मिक अवसर पर आईमाता के भक्त आवागमन करते हैं और इस अनमोल क्षण को गहरी श्रद्धा भाव से देखते हैं। बाती बदलने के उत्सव के दौरान भादवा बीज पर एक भव्य मेला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तों को मिलता है आनंद और उत्साह।

आसपास के लोग घर-घर से लाकर दूध बनाते है घी ज्योति के लिए”

आखंड केसर ज्योत में डालने के लिए घी को बनाने का तरीका भी अलग होता है। वर्तमान दीवान माधोसिंह ने बताया है कि घी बनाने के लिए बिलाड़ा और आसपास के लोग अपने घरों से दूध लाकर पहुंचते हैं। यह दूध से बनाया जाने वाला घी केसर ज्योत में उपयोग किया जाता है। बिलौना किए गए दूध से बने घी को विशेष रूप से इस अखण्ड ज्योति में प्रस्तुत किया जाता है, जो माँ आईमाता की दिव्यता का प्रतीक है। इस पवित्र ज्योति की रौनक में टपकता है भक्तों का आत्मीय स्पर्श, जिससे वे आंतरिक शांति और समृद्धि का अनुभव करते हैं।